रविवार, 10 दिसंबर 2017

साहसी बालक (Motivation story) in hindi

अाज मैं अापको एक काहानी बताने वाला । यह काहानी एक साहसी बालक की है।

दक्कन के पठारी प्रदेश और विंधय पर्वत श्रृंखलाओं के बीच बसा है एक छोटा- सा गाँव असोला । यह गाँव महाराष्ट्र के वाशिम जिले के मनोरा तालुके के अंतर्गत है। इसी असोला मे रहता है तेरह साल का साहसी बालक कमल । कमल अपनी माँ का लाडला और अाज्ञाकारी पुत्र है। वह अपनी माँ के साथ धार्मिक कार्यो मे भी बढ-चढकर हिस्सा लिया करता है। २० अगस्त , २००२ को भी वह अपनी माँ का अनुकरण करते हुए उसके साथ गाँव के समीप बहने वाली नदी पर पुजा करने ही गया था। नहा- धोकर वे दोनों पुजा करने लगे।

अचानक कमल को अपने साथ ही नहाने अाई अन्य पाचँ पडोसी महिलाओं की चीख सुनाई दी। कमल ने मुडकर देखा कि वे सब महिलाएँ नहाते- नहाते एक भारी भँवर मे फँस गई है। बिना एक भी पल गँवाए कमल उन्हें बचाने के लिए नदी मे कुद पडा़ । वह तैरता हुआ उन महिलाओं तक पहुँचा और एक का हाथ पकडकर उसे किनारे की अोर खींचने लगा।

भँवर काफी तेज था। कमल काफी मशक्कत के बाद एक महिला को किनारे पर ले अाया । इसके बाद वह कुदा बाकी महिलाओं को बचाने के लिए। इसी तरह वह एक- एक करके चार महिलाओं को किनारे तक लाने मे कामयाब हो गया।

0 comments:

एक टिप्पणी भेजें